कश्मीर की डल झील जैसे मशहूरकर रहे सैलानी
Digitalnews24/बैजनाथ महतो
बरही:कोडरमा और हजारीबाग की सीमा पर स्थित जवाहर घाट अब सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। यहां शुरू की गई शिकार बोटिंग ने क्षेत्र को एक नया पर्यटन आयाम दिया है। शांत पानी पर शिकार बोटिंग करते हुए पर्यटक प्राकृतिक की खूबसूरती और सुकून का अनुभव कर रहे हैं। डल झील की तरह देश विदेश से पर्यटक आकर्षित करने का प्रयास जवाहर घाट में भी किया जा रहा है। इसके अलावा क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई पड़े कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के प्रयासों से इसके क्षेत्र को पर्यटन के लिहाज से समृद्धि बनाने के लिए करोड़ों रुपए स्वीकृत किए गए हैं। जवाहर घाट के सात तिलैया डैम को भी एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाने की योजना है। यहां वॉटर स्पोर्ट्स शिकारा बोटिंग और रिसार्ट जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही है। यह न केवल स्थानीय सैलानियों के लिए बल्कि दूर -दराज से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन सकता हे। शिकारा बोटिंग के जरिए जवाहर घाट का सौंदर्य और अधिक निखर कर सामने आ रहा है।
जहां पहले सैलानियों को केवल तैलिया डैम का आनंद मिलता था।, अब उन्हें शिकारा बोटिंग का द्वितीय अद्वितीय अनुभव भी मिल रहा है। इस प्रयासों से न केवल क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। पर्यटन क्षेत्र के विकास की योजनाएं: सरकार की ओर से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रिसाट्रर्स , वॉटर स्पोर्ट्स सुविधाएं और मनोरंजन के अन्य साधन विकसित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इससे उम्मीद की जा रही है की आने वाले समय में या क्षेत्र देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में अपनी जगह बनाएगा। सैलानियों का बढ़ाता उत्साह: जवाहर घाट का प्राकृतिक सौंदर्य, यहां शांत वातावरण और शिकारा वोटिंग का अनुभव सैलानियों को खूब भा रहा है। स्थानीय लोग भी इस पहल से उत्साहित हैं और इसे क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। बरही का जवाहर घाट अब एक नए पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है। शिकारा बोटिंग और और विकसित की जा रही सुविधाएं इस क्षेत्र को नई पहचान देगी। सैलानी अब कश्मीर जैसे अनुभूति का आनंद झारखंड में ले सकते हैं, जो राज के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा।