मालाखेड़ा/ क्षेत्र के केरवाड़ा स्थित गौशाला में राक्षस प्रवृत्ति के लोगों ने आग लगा दी, जिससे गोवंश का सैकड़ो मण निवाला जलकर राख हो गया/ प्राचीन पौराणिक काल के समय से ही गोवंश के संवर्धन और पालने की व्यवस्था की परंपरा का निर्वहन आज भी धर्मात्मा, भामाशाह, व गौ सेवक कर रहे हैं/ वहीं राक्षस प्रवृत्ति के व्यक्ति सतयुग, द्वापर ,त्रेता में भी मौजूद थे/ अब कलयुग में उनकी संख्या जबरदस्त बढ़ गई/ जिसका नजरियाँ शनिवार की रात्रि को केरवाड़ा की गौशाला में दिखाई दिया/ एक साधु महात्मा के द्वारा इस गौशाला का संचालन किया जा रहा है। जहां किसी ने रात्रि को गोवंश के खिलाए जाने वाले निवाला में आग लगा दी। जिससे गोवंश के पेट को भरने वाले चारे में धू धूकर आग लग गई/ देर रात्रि को लगी आग से महात्मा व अन्य लोग विचलित हो गए, और गौ सेवक साधु जोर-जोर से पुकारने लगा। और रोने लगा। जहां लोग बाग उस गौशाला पर पहुंचे और गायों तथा कड़वी को बचाने का जतन किया। गांव के पुरंदर सिंह बाबूलाल ने बताया साधु महात्मा के सहयोग गोशाला का संचालन हो रहा है। जहां राक्षस प्रवृत्ति के किसी व्यक्ति ने आग लगा दी। अलवर दमकल को सूचना दी गई। तब तक भारी मात्रा में कड़बी जल कर राख हो गईl गोवंश के पालन के लिए दानदाता व समाजसेवी सहयोग करते हैं। व अन्य व्यवस्था साधु महात्मा अपने स्तर से करते हैं। जिससे यहां गायों का पालन होता है।